🏡 कालवा गांव का इतिहास

📜 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

कालवा गांव की स्थापना 1805 में राजपूत समाज द्वारा की गई थी। स्वतंत्रता संग्राम में गांव के वीरों ने सक्रिय भूमिका निभाई थी।

गांव की प्रमुख कुलदेवी नागणेचिया माता हैं। यहां हर साल नाग पंचमी का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

🧭 भौगोलिक जानकारी

जिला मुख्यालय से दूरी: 27 किमी

नजदीकी रेलवे स्टेशन: दूदू (14 किमी)

नजदीकी एयरपोर्ट: जयपुर (80 किमी)

बस सेवा: हर घंटे में उपलब्ध

🙏 धार्मिक स्थल

बुढ़ेश्वर महादेव मंदिर (120 वर्ष पुराना) गांव का प्रमुख धार्मिक स्थल है।

🖼️ गांव की झलकियाँ

🗺️ गांव का मानचित्र

📊 वर्तमान स्थिति

👨‍👩‍👦 जनसंख्या: लगभग 3,200 (2024)

🏥 स्वास्थ्य सेवाएं: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दो आंगनबाड़ी

🚰 जल व्यवस्था: हर घर में नल कनेक्शन, सार्वजनिक हैंडपंप

बिजली: 24x7 बिजली आपूर्ति

🌐 इंटरनेट: Jio, Airtel और BSNL की सेवाएं उपलब्ध

🧺 बाजार: साप्ताहिक हाट, 12 दुकानों की मार्केट

🏢 प्रशासनिक सुविधाएं

डाकघर: कालवा उप डाकघर (PIN: 303008)

थाना: दूदू पुलिस थाना (कालवा से 12 किमी दूरी)

🏛️ बैंक व अन्य सुविधाएं

👨‍💼 मुख्य व्यक्तित्व

श्री राधेश्याम चौधरी (सरपंच)

श्रीमती माया देवी (महिला समिति प्रमुख)

श्री रतनलाल जाट (सेवानिवृत्त फौजी)

🏫 शैक्षणिक स्थिति

सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय

एक प्राथमिक विद्यालय, एक निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूल

कंप्यूटर व सिलाई प्रशिक्षण केंद्र

🚜 कृषि व संसाधन

मुख्य फसलें: गेहूं, सरसों, चना

सिंचाई: बोरवेल, ट्यूबवेल, वर्षा जल

सहकारी मंडी और सरकारी अनाज भंडारण केंद्र उपलब्ध

🚌 यातायात व्यवस्था

राजमार्ग से कनेक्टिविटी

हर 1 घंटे में बस सेवा

गांव में ऑटो, ट्रैक्टर, निजी वाहनों की उपलब्धता

💼 रोज़गार व उद्योग

सरकारी नौकरियों में 25+ युवा

गांव में 10+ दुकानें, डेयरी केंद्र, पशुपालन व्यवसाय

कपड़ा सिलाई केंद्र और ब्यूटी पार्लर